आयकर (Income Tax) सरकार द्वारा नागरिकों की आय पर लगाया जाने वाला कर है। इसे इसलिए भरना आवश्यक है क्योंकि यह सरकार को देश की विकास योजनाओं, बुनियादी ढांचे के निर्माण, रक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और अन्य सार्वजनिक सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए धन प्रदान करता है। नीचे विस्तार से इसके महत्व और प्रक्रिया को समझाया गया है:


आयकर क्यों भरें?

  1. कानूनी दायित्व: आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, आयकर भरना हर उस व्यक्ति या संस्था की कानूनी जिम्मेदारी है, जिसकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है।
  2. राष्ट्र के विकास में योगदान: सरकार द्वारा एकत्र किया गया कर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण, और अन्य आवश्यक सेवाओं में उपयोग होता है।
  3. आय का रिकॉर्ड: आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने से आपकी आय का रिकॉर्ड तैयार होता है, जो भविष्य में लोन, वीज़ा आवेदन, या वित्तीय निवेश के लिए सहायक होता है।
  4. पेनल्टी से बचाव: आयकर न भरने पर सरकार द्वारा जुर्माना और कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
  5. रियायतों का लाभ: आयकर अधिनियम में विभिन्न रियायतें (जैसे सेक्शन 80C, 80D आदि) प्रदान की गई हैं, जो टैक्स बचाने में मदद करती हैं।

कौन-कौन आयकर भरता है?

  1. व्यक्तिगत नागरिक (Individual) जिनकी आय ₹2,50,000 से अधिक है (वरिष्ठ नागरिकों और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा अधिक होती है)।
  2. कंपनियां, फर्म, और अन्य व्यवसायिक संस्थाएं।
  3. फ्रीलांसर और स्वरोजगार वाले व्यक्ति।

आयकर कैसे भरें?

  1. आय का निर्धारण करें: अपनी कुल आय का हिसाब लगाएं, जिसमें वेतन, व्यवसाय की आय, मकान का किराया, पूंजीगत लाभ आदि शामिल हों।
  2. कर योग्य आय का पता लगाएं: सभी कर-छूट और कटौतियों (Deductions) को घटाने के बाद कर योग्य आय निर्धारित करें।
  3. सही ITR फॉर्म चुनें: आय के प्रकार और स्रोत के अनुसार सही ITR फॉर्म भरें (जैसे ITR-1, ITR-2, ITR-3 आदि)।
  4. ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करें: आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (www.incometax.gov.in) पर लॉग इन करके ऑनलाइन रिटर्न भर सकते हैं।
  5. ई-फाइलिंग: सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज अपलोड करें और ITR फाइल करें। भरने के बाद, ई-वेरिफाई करना न भूलें।
  6. भुगतान: यदि टैक्स देय है, तो इसे ऑनलाइन भुगतान करें।

आवश्यक दस्तावेज:

  1. पैन कार्ड
  2. आधार कार्ड
  3. फॉर्म 16 (सैलरी वालों के लिए)
  4. बैंक स्टेटमेंट
  5. निवेश के प्रमाण पत्र (जैसे पीएफ, बीमा, म्यूचुअल फंड)
  6. किराये की आय के लिए किरायेदार से प्राप्त प्रमाण

महत्वपूर्ण तारीखें:

ITR फाइल करने की अंतिम तिथि: सामान्यतः 31 जुलाई

विलंब शुल्क के साथ: 31 दिसंबर तक (कुछ शर्तों के साथ)


यदि आपको व्यक्तिगत मार्गदर्शन चाहिए, तो चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की मदद लेना भी एक अच्छा विकल्प है।

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