आयकर क्यों भरें?
- कानूनी दायित्व: आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, आयकर भरना हर उस व्यक्ति या संस्था की कानूनी जिम्मेदारी है, जिसकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है।
- राष्ट्र के विकास में योगदान: सरकार द्वारा एकत्र किया गया कर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण, और अन्य आवश्यक सेवाओं में उपयोग होता है।
- आय का रिकॉर्ड: आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने से आपकी आय का रिकॉर्ड तैयार होता है, जो भविष्य में लोन, वीज़ा आवेदन, या वित्तीय निवेश के लिए सहायक होता है।
- पेनल्टी से बचाव: आयकर न भरने पर सरकार द्वारा जुर्माना और कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
- रियायतों का लाभ: आयकर अधिनियम में विभिन्न रियायतें (जैसे सेक्शन 80C, 80D आदि) प्रदान की गई हैं, जो टैक्स बचाने में मदद करती हैं।
कौन-कौन आयकर भरता है?
- व्यक्तिगत नागरिक (Individual) जिनकी आय ₹2,50,000 से अधिक है (वरिष्ठ नागरिकों और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा अधिक होती है)।
- कंपनियां, फर्म, और अन्य व्यवसायिक संस्थाएं।
- फ्रीलांसर और स्वरोजगार वाले व्यक्ति।
आयकर कैसे भरें?
- आय का निर्धारण करें: अपनी कुल आय का हिसाब लगाएं, जिसमें वेतन, व्यवसाय की आय, मकान का किराया, पूंजीगत लाभ आदि शामिल हों।
- कर योग्य आय का पता लगाएं: सभी कर-छूट और कटौतियों (Deductions) को घटाने के बाद कर योग्य आय निर्धारित करें।
- सही ITR फॉर्म चुनें: आय के प्रकार और स्रोत के अनुसार सही ITR फॉर्म भरें (जैसे ITR-1, ITR-2, ITR-3 आदि)।
- ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करें: आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (www.incometax.gov.in) पर लॉग इन करके ऑनलाइन रिटर्न भर सकते हैं।
- ई-फाइलिंग: सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज अपलोड करें और ITR फाइल करें। भरने के बाद, ई-वेरिफाई करना न भूलें।
- भुगतान: यदि टैक्स देय है, तो इसे ऑनलाइन भुगतान करें।
आवश्यक दस्तावेज:
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- फॉर्म 16 (सैलरी वालों के लिए)
- बैंक स्टेटमेंट
- निवेश के प्रमाण पत्र (जैसे पीएफ, बीमा, म्यूचुअल फंड)
- किराये की आय के लिए किरायेदार से प्राप्त प्रमाण
महत्वपूर्ण तारीखें:
ITR फाइल करने की अंतिम तिथि: सामान्यतः 31 जुलाई
विलंब शुल्क के साथ: 31 दिसंबर तक (कुछ शर्तों के साथ)
यदि आपको व्यक्तिगत मार्गदर्शन चाहिए, तो चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की मदद लेना भी एक अच्छा विकल्प है।