- अच्छी योजना और डिज़ाइन
एक पेशेवर आर्किटेक्ट या स्ट्रक्चरल इंजीनियर से सलाह लें।
ऐसा डिज़ाइन बनाएं जो आपके क्षेत्र के भूकंप और मौसम के अनुसार हो।
- मजबूत नींव का निर्माण
नींव सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। मिट्टी की जाँच करवाकर नींव बनवाएं।
यदि मिट्टी की गुणवत्ता कमजोर है, तो डीप फाउंडेशन का उपयोग करें।
- उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग
सीमेंट, ईंटें, स्टील और कंक्रीट की गुणवत्ता से समझौता न करें।
BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) द्वारा अनुमोदित सामग्री का उपयोग करें।
- पेशेवर ठेकेदार और मजदूरों का चयन
अनुभवी ठेकेदार और कुशल मजदूरों को काम पर रखें।
काम की नियमित निगरानी करें और केवल काम पूरा होने पर भुगतान करें।
- प्राकृतिक आपदाओं का ध्यान
यदि बाढ़ वाले क्षेत्र में हैं तो घर को थोड़ा ऊंचा बनवाएं।
भूकंप-रोधी तकनीक का उपयोग करें।
मजबूत छत और वायु-रोधी डिज़ाइन अपनाएं।
- आधुनिक सुरक्षा सुविधाएं
आग-रोधी सामग्री का उपयोग करें।
उचित विद्युत वायरिंग और अर्थिंग का ध्यान रखें।
वेंटिलेशन और प्राकृतिक रोशनी के लिए खिड़कियों और दरवाजों का डिज़ाइन सही बनाएं।
- नियमित निरीक्षण
घर बनने के दौरान और बनने के बाद नियमित निरीक्षण करें।
प्लास्टर, फर्श और फिनिशिंग में कोई कमी हो तो तुरंत सुधार करवाएं।
- बीमा और दस्तावेज़
प्रॉपर्टी और कंस्ट्रक्शन का बीमा जरूर लें।
सभी कानूनी दस्तावेज़ और अनुमतियां सही और सुरक्षित रखें।
इन सभी बातों का ध्यान रखकर आप अपने घर को न केवल सुरक्षित, बल्कि लंबे समय तक टिकाऊ बना सकते हैं।